
Big change: चुनाव आयोग ने वोट डिलीट करने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया। अब वोट हटाने के लिए ओटीपी सिर्फ आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर आएगा।
Big change: “हमने चोरी पकड़ी, अब ताला लगाया”
इन्फोपोस्ट डेस्क
Big change: 18 सितंबर को राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि कॉल सेंटर और ऐप्स के ज़रिए बड़े पैमाने पर वोट डिलीट हो रहे हैं। उस समय चुनाव आयोग ने इसे “गलत और निराधार” बताया था। राहुल गांधी ने सबूत भी दिखाए थे कि वोटर आईडी नंबर से किसी का भी वोट आसानी से हटाया जा सकता है।
पहले किसी भी नंबर पर ओटीपी लेकर वोट डिलीट हो सकता था। अब ओटीपी केवल आधार से लिंक मोबाइल पर ही जाएगा। यानी बिना असली मतदाता की मंज़ूरी वोट काटना नामुमकिन।
“हाइड्रोजन बम” का इंतज़ार
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा – “हमने चोरी पकड़ी, तब आपको ताला लगाना याद आया।” कांग्रेस का कहना – यह तो बस शुरुआत है। जल्द ही “हाइड्रोजन बम” खुलासा होगा, जिससे बीजेपी की असली सच्चाई सामने आएगी।
चुनाव आयोग ने मतदाता सूची से नाम विलोपन की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब किसी भी वोट को डिलीट करवाने के लिए ई-वेरीफिकेशन अनिवार्य होगा और ओटीपी सीधे आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर ही भेजा जाएगा। इस बदलाव को कांग्रेस ने राहुल गांधी की जीत बताया है और दावा किया है कि आयोग आखिरकार दबाव में झुक गया।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया था
राहुल गांधी ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया था कि कॉल सेंटर और ऐप्स के ज़रिए बड़े पैमाने पर मतदाताओं के वोट डिलीट किए जा रहे हैं। उस समय चुनाव आयोग ने इन आरोपों को “गलत और निराधार” बताया था। लेकिन अब आयोग ने नियमों में संशोधन कर यह सुनिश्चित किया है कि वोट डिलीट की प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा न हो सके।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया: “हमने चोरी पकड़ी, तब आपको ताला लगाना याद आया। अब चोरों को भी पकड़ेंगे — तो बताइए CID को सबूत कब दे रहे हैं?”
कांग्रेस का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है। राहुल गांधी ने कहा कि “हाइड्रोजन बम” जैसी बड़ी जानकारी सामने आनी बाकी है, जिससे बीजेपी की असली सच्चाई और बिहार में किए गए प्रयासों का पर्दाफाश होगा।
क्यों है यह बदलाव अहम?
पहले किसी भी व्यक्ति के वोट को सिर्फ वोटर आईडी नंबर डालकर डिलीट करवाया जा सकता था। ओटीपी किसी भी मोबाइल नंबर पर डाला जा सकता था, जिससे फर्जीवाड़े की आशंका बढ़ जाती थी। अब यह ओटीपी केवल उस नंबर पर जाएगा जो आधार से लिंक है।
Big change: इससे मतदाता की अनुमति के बिना वोट काटना असंभव होगा। राहुल गांधी ने अपने आरोपों के समर्थन में उदाहरण भी दिए थे। उन्होंने एक मतदाता सूर्यकांत का मामला पेश किया।