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पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा कि उन्होंने अपने पूरे प्रशासनिक कॅरियर में हमेशा लोगों की खुशी और कल्याण को प्राथमिकता दी है। चाहे वह शासन हो, विकास परियोजनाएं हों या फिर जन हित केंद्रित नीतियां। यह पुस्तक उन्हीं अनुभवों का प्रतिबिंब है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव एवं प्रख्यात लेखक आलोक रंजन (Retd. IAS) की पुस्तक हैपिनेस एंड वेलबीइंग का लोकार्पण
शिवांश सिंह
Lucknow : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव एवं प्रख्यात लेखक आलोक रंजन (Retd. IAS) की पुस्तक हैपिनेस एंड वेलबीइंग का लोकार्पण लखनऊ के होटल अवध क्लार्क के रंग महल हॉल में हुआ। इस पुस्तक का विमोचन समारोह यूनियन बैंक आफ इंडिया और लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन की ओर से किया गया था। हैपिनेस एंड वेलबीइंग किताब को प्रभात प्रकाशन ने छापा है।
आलोक रंजन ने बताया हैपिनेस एंड वेलबीइंग पुस्तक के बारे में :
इस पुस्तक के लोकार्पण के समय लेखक आलोक रंजन ने कहा हम लोग खुशी को गलत जगह पर ढूंढ रहे हैं। खुशी हमारे भीतर ही है, लेकिन अपने अंदर अंधकार होने की वजह से हम उस खुशी को ढूंढ पाने में सक्षम नहीं है। आलोक रंजन ने आगे कहा कि खुशी कंप्यूटर सीखने की तरह से एक स्किल है। हम अपने दिमाग को जिस लय में लगाएंगे यह उसी लय में लगेगा। यदि हम अपने दिमाग को दुखी रहने के लिए प्रशिक्षित करेंगे तो यह दुखी ही रहेगा और सुखी रहने के लिए प्रशिक्षित करेंगे तो हमारे अंदर हमेशा खुशी व्याप्त रहेगी. हमें अपने दिमाग को हमेशा खुशी रहने के लिए प्रेरित करना चाहिए। इससे हम कठिन से कठिन परिस्थितियों को आसानी झेलकर आगे निकल सकते हैं।
प्रशासनिक कॅरियर में खुशी को दी प्राथमिकता :
पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा कि उन्होंने अपने पूरे प्रशासनिक कॅरियर में हमेशा लोगों की खुशी और कल्याण को प्राथमिकता दी है। चाहे वह शासन हो, विकास परियोजनाएं हों या फिर जन हित केंद्रित नीतियां। यह पुस्तक उन्हीं अनुभवों का प्रतिबिंब है। लेखक आलोक रंजन ने आगे कहा कि खुशी एक कला है, जो हर व्यक्ति को सीखनी चाहिए। यहीं आपको बताते चलें कि हैप्पीनेस एंड बेेल बीइंग किताब में किस तरह खुशियों को भली भांति समेटा जाए इन सब तथ्यों पर बृहद चर्चा अंकित है।
विमोचन समारोह में अतिथियों का उद्बोधन :
चोपड़ा रीटेक रबर प्रोडक्ट्स के अध्यक्ष और मैनेजिंग डायरेक्टर किरण चोपड़ा ने बताया कि कार्यस्थल पर खुशी उत्पादकता और नवाचार को बढ़ावा देती है। यूनिवर्सल बुकसेलर के मालिक चंद्र प्रकाश ने अपने उद्बोधन में पुस्तकों और पुस्तकों में मौजूद ज्ञान पर भरपूर प्रकाश डाला। यही जयपुरिया इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट की डायरेक्टर डॉ.कविता पाठक ने सहानुभूति और भावनात्मक बुद्धिमत्ता के महत्व पर जोर दिया। यही लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आनंद मोहन ने अपने उद्बोधन के दौरान सार्वजनिक नीतियों में खुशी को प्राथमिकता देने की आवश्यकता की बात कही।
पूर्व में भी आ चुकी हैं कई प्रसिद्ध किताबें :
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन की इससे पहले भी कई किताबें आ चुकी हैं, जिसे पाठकों द्वारा बहुत पसंद किया गया। इसमें मेकिंग ए डिफरेंस- आईएएस एज ए कॅरियर, एथिक्स फॉर सिविल सर्विसेज, द कलेक्टर टुडे, एडल्ट लिटरेसी इन इंडिया और एक्सीलेंस इन गवर्नेंस नामक पुस्तकें शामिल हैं।