
एनएचआई ने प्रस्तावित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के लिए दिल्ली की एक फर्म का चयन कर लिया है। जमीन पर सीमांकन का कार्य यही फर्म करेगी।
गोरखपुर से पानीपत तक की बढ़ेगी कनेक्टीविटी
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गोरखपुर से शामली के बीच ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाने की योजना को अब पानीपत तक बढ़ा दिया गया है। करीब 700 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे पूर्वांचल के गोरखपुर को पश्चिमी यूपी के शामली से जोड़ेने वाला था जो कि अब बढ़कर करीब 750 किलोमीटर हो जाएगा। यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के 22 जिलों से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से प्रदेश की एक बड़ी आबादी को फायदा होगा। गंगा एक्सप्रेसवे के बाद इस एक्सप्रेसवे के बनने से उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी।
जल्द शुरू होगा सीमाकंन का कार्य
एनएचआई ने प्रस्तावित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के लिए दिल्ली की एक फर्म का चयन कर लिया है। जमीन पर सीमांकन का कार्य यही फर्म करेगी। यूपी में गोरखपुर-शामली हाईवे जल्द ही आकार लेते हुए दिखेगा। इसके लिए प्रारंभिक योजना तैयार कर ली गई है। नया हाईवे लखनऊ, सीतापुर व बरेली के उत्तर से होकर गुजरेगा। इसकी कुल अनुमानित लंबाई 750 किमी होगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) शीघ्र ही सीमांकन का काम प्रारंभ करेगा। इससे एक्सप्रेसवे बनने की शुरुआत जल्द ही हो सकती है।
जानिए किन जिलों से गुजरेगा यह एक्सप्रेसवे
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Shamli Expressway) गोरखपुर से शुरू होकर प्रदेश के विभिन्न महत्वपूर्ण जिलों से गुजरते हुए शामली तक पहुंचेगा। इसके मार्ग में संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, संभल, बिजनौर, अमरोहा, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली जिलों का समावेश होगा। इसके अलावा, यह एक्सप्रेसवे कुल 37 तहसीलों को जोड़ने वाला है, जो प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। गंगा एक्सप्रेस के साथ इस एक नए एक्सप्रेसवे बनने से प्रदेश की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। प्रदेश के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचना बहुत ही आसान हो जाएगा। योगी आदित्यनाथ की सरकार उत्तर प्रदेश को एक उत्तम प्रदेश बनाने के लिए विश्व स्तरीय सड़क सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।