गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण मेरठ से प्रयागराज के बीच किया जा रहा है, जो करीब 594 किलोमीटर लंबा है। एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद मेरठ से प्रयागराज तक का सफर महज 6 घंटें में पूरा होगा।
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Gangaexpressway: नहीं शुरु हो पाएगा महाकुंभ से पहले
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि महाकुंभ से पहले गंगा एक्सप्रेसवे दिसंबर 2024 तक तैयार हो जाएगा। परंतु अब ऐसा नहीं हो पाया। फिलहाल गंगा एक्सप्रेसवे की भौगोलिक प्रगति 92 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है, जबकि स्ट्रक्चर का कार्य 98 प्रतिशत तक पूरा हो गया है। दरअसल प्रदूषण के चलते दिल्ली एनसीआर में ग्रैप-4 (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के प्रतिबंध लागू किए गए हैं। मेरठ, हापुड़ और बुलंदशहर में भी ये प्रतिबंध लागू होते हैं। जिसके चलते एक्सप्रेसवे के काम पर भी असर पड़ा है। यानी प्रयागराज कुंभ 2025 से पहले इसके शुरू होने की संभावना न के बराबर बताई जा रही है।
गंगा एक्सप्रेस-वे क्यों खास?
गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण मेरठ से प्रयागराज के बीच किया जा रहा है, जो करीब 594 किलोमीटर लंबा है। एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद मेरठ से प्रयागराज तक का सफर महज 6 घंटें में पूरा होगा। अभी इसमें 11 घंटे से ज्यादा समय लगता है। गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ के बाद प्रयागराज में पूरा होगा।
पूर्वांचल और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से भी जुड़ेगा
अधिकारियों का कहना है कि लोगों की सुविधा के लिए इसे दिल्ली से आ रहे यमुना एक्सप्रेस-वे के साथ ही पूर्वांचल और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से भी जोड़ा जाएगा। प्रदेश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे में शुमार गंगा एक्सप्रेसवे के बनने से यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों को भी बहुत फायदा होगा।
लाजिस्टिक हब और वेयरहाउस बनेंगे
इस एक्सप्रेसवे के किनारे 150 हेक्टेयर क्षेत्रफल में मेरठ, हापुड़, बरेली, मुरादाबाद, हरदोई, लखनऊ, कानपुर और प्रयागराज में औद्योगिक गलियारा भी बनाया जा रहा है। उद्योगों के साथ ही यहां लाजिस्टिक हब और वेयरहाउस बनेंगे।