Winter: ग्लोबल वार्मिंग के चलते मौसम में भी परिवर्तन हो रहा है जहां पहले सर्दी नवंबर से ही शुरू हो जाती थी अब देखने में आ रहा है कि सर्दी के शुरू होने में दिसंबर अंत तक का समय लग जा रहा है एवं ठंड पड़ने की अवधि भी कम हुई है।
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मौसम विभाग के अनुसार उत्तर प्रदेश सहित पूरे उत्तर भारत में अगले चार दिनों तक शीतलहर चलने वाली है। शीतलहर के चलते बहुत ही अधिक कड़ाके की ठंड पड़ेगी कुछ इलाकों में पाला भी पड़ सकता है। दिल्ली एनसीआर के लोगों को भी ठंड की मार झेलनी पड़ सकती है और न्यूनतम तापमान में भी काफी अधिक गिरावट आ सकती है।
winter: आखिर इस बार क्यों पड़ेगी इतनी ठंड
जैसा कि इस बार मौसम विभाग ने अनुमान जताया था की बारिश अधिक होगी तो पहाड़ों से लेकर मैदान तक कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। वही मौसम विभाग ने इस बार ठंड को लेकर भी इसी तरीके के पूर्वानुमान जारी किया है। मौसम विभाग का कहना है इस बार उत्तर भारत में बहुत ही अधिक कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है जिसका मुख्य कारण ला नीना का बढ़ता प्रभाव है।
क्या है ला नीना?
ला नीना, प्रशांत महासागर के मध्य और पूर्व-मध्य भूमध्यरेखीय क्षेत्र में समुद्र की सतह के तापमान में होने वाली आवधिक ठंडक को कहते हैं। यह एक मौसमी पैटर्न है। ला नीना के दौरान, हवा, दबाव, और बारिश में बदलाव आता है। ला नीना, अल नीनो का विपरीत है, जिसमें समुद्र का तापमान बढ़ जाता है। ला नीना की ठंडी हवाएं भारत में दक्षिण की ओर चलती हैं।
जलवायु परिवर्तन का हो रहा है कितना असर
इस बार देखा जाए तो जलवायु परिवर्तन के कारण ही लोगों को अत्यधिक गर्मी एवं अत्यधिक बरसात का सामना करना पड़ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ने से जलवायु में धीरे-धीरे आमूल चूक परिवर्तन आता जा रहा है। जहां एक ओर राजस्थान में बहुत कम बारिश होती थी वहीं इस बार राजस्थान के कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात थे। ग्लोबल वार्मिंग के चलते मौसम में भी परिवर्तन हो रहा है जहां पहले सर्दी नवंबर से ही शुरू हो जाती थी अब देखने में आ रहा है कि सर्दी के शुरू होने में दिसंबर अंत तक का समय लग जा रहा है एवं ठंड पड़ने की अवधि भी कम हुई है। मोटा मोटी देखा जाए तो ठंड 20 दिसंबर से लेकर 20 जनवरी तक एक महीने की ही रह गई है। इसी तरीके से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती रही तो वह दिन दूर नहीं जब जलवायु परिवर्तन के साथ ही मौसम में भी आमूल चूक परिवर्तन हो जाएगा जिसका हमारे जीवन पर बहुत ही विपरीत असर पड़ने वाला है।