हाइपरलूप ट्रेन की रफ़्तार 1,000 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है। अगर भारत में हाइपरलूप ट्रेन की शुरुआत होती है, तो इससे देश के परिवहन का ढांचा बदल सकता है।
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बन गया है हाइपरलूप ट्रेन का टेस्ट ट्रैक
Hyperloop train: भारतीय रेलवे और आईआईटी मद्रास ने पहला हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक बनाया है। इस ट्रैक पर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाकर परीक्षण किया जा चुका है। 600 किमी प्रति घंटे की रफ्तार का परीक्षण किया जाना अभी बाकी है। 410 मीटर लंबा यह ट्रैक आईआईटी मद्रास ने तैयार किया है।
रेल मंत्री ने शेयर किया है वीडियो
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस ट्रैक का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया। यह ट्रैक आईआईटी मद्रास के थाईयूर स्थित डिस्कवरी कैंपस में 410 मीटर लंबा बनाया गया है। रेल मंत्री ने इस प्रोजेक्ट पर काम करने वाली टीमों की सराहना की। उन्होंने आशा जताई कि देश इस तकनीक का लाभ उठाएगा और भविष्य में यह ट्रेन जल्द ही चलाने में सफलता मिलेगी। यह ट्रैक आईआईटी मद्रास के छात्रों के स्टार्टअप ‘टुट्र हाइपरलूप’ ने बनाया है।
क्या होती है हाइपरलूप ट्रेन?
हाइपरलूप ट्रेन, एक हाई-स्पीड ट्रेन है, जो वैक्यूम में ट्यूब के अंदर चलती है। यह तकनीक टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने पेश की थी। हाइपरलूप ट्रेन की रफ़्तार 1,000 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है। अगर भारत में हाइपरलूप ट्रेन की शुरुआत होती है, तो इससे देश के परिवहन का ढांचा बदल सकता है। हालांकि, अभी यह तकनीक नई है और इसमें कई काम करने बाकी हैं।
हाइपरलूप ट्रेन का इतिहास
विज्ञान और विज्ञान-कथा के इतिहास में वैक्यूम में ट्रेनों के विचार को कई बार विस्तृत किया गया है। हाइपरलूप परिवहन की अवधारणा को पहली बार 1904 में रॉबर्ट एच. गोडार्ड ने पेश किया था। हाइपरलूप नामक वैक्यूम ट्रेन के एक संस्करण की हालिया योजना एलन मस्क और ईरानी-अमेरिकी सिलिकॉन वैली निवेशक शेरविन पिशेवर के बीच हुई बातचीत से उभरी, जब वे जनवरी 2012 में एक मानवीय मिशन पर क्यूबा के लिए एक साथ उड़ान भर रहे थे।