kisan andolan: सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा है कि सड़क को रोकना संविधान में दिए गए नागरिकों के मूलभूत अधिकारों का हनन है, किसी भी परिस्थिति में सड़क मार्ग को रोका नहीं जा सकता
kisan andolan:किसानों ने कई बार रोका है रास्ता
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kisan andolan: जब भी पंजाब एवं हरियाणा के किस दिल्ली की ओर कूंच करते हैं तो उन्हें रास्ते में ही रोक दिया जाता है और किसान वही रास्ते में ही डेरा डालकर बैठ जाते हैं जिससे कई महीनो तक व कई सालों तक रास्ता अवरुद्ध हो जाता है। इस समस्या को सुप्रीम कोर्ट ने बहुत ही गंभीरता से लिया है और साफ शब्दों में कह दिया है की रास्ता अवरुद्ध करना लोगों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ है एवं किसी परिस्थिति में जन मार्ग को नहीं रोका जा सकता है।
हटेंगें शंभू बॉर्डर पर जुटे किसान !
कई महीनो से शंभू बॉर्डर पर जुटे किसानों को भी हटाने एवं एक-एक लेंन दोनों तरफ से खोलने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने प्रशाशन को आदेश दिया है। समूह बॉर्डर खुलने से जल्द ही आवागमन के लिए लोगों को राहत मिलेगी। यहां अभी देखना होगा कि आखिर कब तक सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन प्रशासन करवा पता है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार, 9 दिसंबर को करेगा।
आखिर क्यों बार-बार बंद हो जाते है हाईवे के रास्ते
पिछले कई सालों से देखा गया है कि किसान जब भी आंदोलन करने के लिए दिल्ली की ओर बढ़ते हैं तभी पुलिस एवं प्रशासन द्वारा उनको रास्ते में ही रोक दिया जाता है और किसान वही रास्ते में ही बैठकर अपना धरना शुरू कर देते हैं और सबसे ज्यादा परेशानी इससे आमजन को होती है क्योंकि मुख्य मार्ग एवं हाईवे अवरोध होने से उनको अन्य रास्तों से गुजरना पड़ता है एवं कई बार ट्रैफिक जाम की भी समस्या बढ़ जाती है। आखिर प्रशासन उनके शांतिपूर्वक धरने के लिए क्यों जगह नहीं उपलब्ध करवा पाता है। दिल्ली में रामलीला मैदान जैसे कई स्थान ऐसे हैं जहां कई हजार किसान एक साथ धरना प्रदर्शन कर सकते हैं पर अंतत: देखा यही गया है कि मार्ग रोक कर ही किसानों का प्रदर्शन चलता रहता है जिससे आम जनता को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है एवं रास्ता बंद होने से देश को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ता है।