इंफोपोस्ट न्यूज, मोतिहारी। shipra rajput:
राष्ट्रीय पत्रकार ओम वर्मा से नाजायज राशि मांगने और थाना परिसर में बंधक बनाने के मामले में पुलिस विभाग की ओर से प्रशिक्षु डीएसपी शिप्रा राजपूत के खिलाफ जांच होगी। यानी शिप्रा राजपूत के खिलाफ विभागीय इंक्वारी होगी। इस बाबत पुलिस विभाग ने चंपारण रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक को निर्देश जारी किया है।
बिहार पुलिस के अपर पुलिस महानिदेशक के अनुमोदन के बाद पुलिस उपमहानिरीक्षक सह उपनिदेशक, बिहार पुलिस अकादमी, राजगीर, अरविंद कुमार गुप्ता की ओर से शिप्रा राजपूत के खिलाफ जांच और कार्रवाई के लिए पत्र जारी किया गया है। निर्देश की कापी इंफोपोस्ट न्यूज के पास मौजूद है। ज्ञात हो कि इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की भी कार्यवाही चल रही है।
यह है मामला
shipra rajput : ज्ञात हो कि राष्ट्रीय पत्रकार ओम वर्मा 13 सितंबर को अपने जमीन पर अपने छोटे भाई सिद्धार्थ कुमार वर्मा द्वारा अवैध कब्जा और रंगदारी मांगने की शिकायत लेकर शिकायत लेकर मोतिहारी के मुफ्फसील थाना में गए थे। वहां उनकी मुलाकात प्रशिक्षु डीएसपी शिप्रा राजपूत से हुई। वहां एक कर्माचारी के माध्यम से उनकी तरफ से 20 हजार रुपये घूस की मांग की गई। कहा गया कि इतना कर दीजिएगा तो आपके भाई के खिलाफ अच्छा केस बनाकर उसे ‘अंदर’ कर देंगे। ओम वर्मा का मकसद अपने भाई को जेल भेजना नहीं था, सिर्फ अपनी समस्या का समाधान करना था। लिहाजा, वह थाना से वापस आ गए। शिप्रा राजपूत ने शिकायत पर कोई रिसीविंग भी नहीं दी। कोई कार्रवाई नहीं हुई तो ओम वर्मा ने एसपी को मेल किया। इसके बाद कार्रवाई हुई। जमीन का इंस्पेक्शन हुआ और 28 सितंबर को मुफ्फसील थाना में जनता दरबार में दोनों पक्षों को बुलाया गया।
शिप्रा राजपूत ने ओम वर्मा का मोबाइल झटका, पत्रकारों को दी गालियां
28 सितंबर को मोतिहारी के मुफ्फसील थाना में आयोजित जनता दरबार में मोतिहारी की अंचलाधिकारी ने इस जमीन के अवैध कब्जे के मामले को 5 मिनट में सुलझा दिया। उन्होंने दोनों पक्षों को सरकारी नापी के लिए आवेदन देने को कहा। साथ ही यह समझौता करने का अनुरोध किया कि अगर सरकारी नापी के बाद किसी का अवैध कब्जा आता है तो उसे हटाना होगा। इसे दोनों पक्षों ने स्वीकार कर रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर दिया। इसके बाद ओम वर्मा ने धमकी और पूर्व में अपनी पत्नी से हुई मारपीट मामले में अपनी पत्नी से मोबाइल फोन पर बात कराना चाहा तो शिप्रा राजपूत जोर जोर से चिल्लाने लगी। वह ओम वर्मा का मोबाइल अपने हाथ से झटकने लगीं। इसके बाद उन्होंने ओम वर्मा को धमकी देते हुए बंधक बना लिया।
ज्ञात हो कि सिद्धार्थ कुमार वर्मा ने ओम वर्मा की पत्नी और पुत्र से मारपीट की थी। इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने कार्रवाई की थी। मारपीट में लगी चोट का मेडीकल भी कराया गया था। इससे सबंधित सभी डाक्यूमेंट उपलब्ध है।
शिप्रा राजपूत ने दी धमकियां
shipra rajput: ओम वर्मा ने बताया कि ऐसा लग रहा था कि शिप्रा राजपूत ने मुझे बंधक बनाने का स्क्रीप्ट पहले ही लिख लिया था। उन्होंने बताया कि वह पत्रकार हैं, इसलिए उन्हें जानबूझ कर टारगेट किया गया है। वह 3 अक्टूबर को ही राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को शिकायत भेज चुके हैं। शिकायत में उन्होंने लिखा है कि बंधक बनाने के लिए दौरान शिप्रा राजपूत पत्रकारों को गाली दे रही थीं। वह कह रही थीं कि पांच सौ रुपये में खबर बिकती है और पांच हजार रुपये में नया चैनल बन जाता है। तुम पर केस बनाकर अंदर कर देंगे और मार देंगे और शो कर देंगे कि आत्महत्या कर लिए। आन ड्यूटी पुलिस अधिकारी से बदतमीजी का भी मामला बना देंगे। वर्दी वाला क्या क्या कर सकता है, इसका अंदाजा तुम्हें नहीं है। बहुत बड़े पत्रकार बन रहे हो, अब के बाद से तुम सारी पत्रकारिता भूल जाओगे।
अत्याचार और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी
shipra rajput: राष्ट्रीय पत्रकार ओम वर्मा ने बताया कि अत्याचार और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। शिप्रा राजपूत से मुझे जान का खतरा है। वह वर्दी का दुरुपयोग कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मोतिहारी की जनता ने मेरे जैसे आम आदमी का साथ दिया। प्यार और आशीर्वाद दिया। इसके लिए मैं मोतिहारी की जनता का ऋणी हूं। आज मोतिहारी की गलियों और नुक्कड़ों पर मेरे समर्थन में चर्चाएं हो रही हैं। सभी ने अपना समर्थन जताया है। शिप्रा राजपूत के अत्याचार के खिलाफ इस लड़ाई में मेरी हत्या भी हो जाती है तो कोई गम नहीं। उन्होंने गृह मंत्रालय को भी इस बारे में अवगत करा दिया है। जल्द ही वह एक और वीडियो जारी करेंगे।