Adani Group: गौतम अडानी, सागर अडानी और अडानी ग्रुप पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों को अडानी ग्रीन एनर्जी ने गलत करार दिया है। लेकिन राहुल गांधी ने कहा है कि जाहिर तौर पर वे आरोपों से इनकार करेंगे। इसलिए समान न्याय व्यवस्था के लिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए।
Adani Group: राहुल गांधी और महुआ मोइत्रा ने उठाए थे सवाल
इंफोपोस्ट डेस्क
Adani Group: संसद में इस बात की चर्चा हो चुकी है कि पीएम मोदी और गौतम अडानी में गहरी दोस्ती है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने गंभीर सवाल उठाए थे। इस मौके पर पीएम मोदी के साथ अडानी के चित्र भी प्रस्तुत किए गए थे। लेकिन राहुल गांधी के रिमार्क को संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया था।
आखिर गौतम अडानी पर लगाए गए आरोपों में कितनी सच्चाई है, इसी को समझते हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि बड़े बड़े कारपोरेट ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हों। इससे पहले हम हर्षद मेहता स्कैम, सत्यम स्कैम, सहारा स्कैम, विजय माल्या, ललित मोदी, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी पर भी गंभीर आरोप देख चुके हैं।
स्कैम में पहली बार डूबे हैं जनता के पैसे
यही नहीं, सरकार पर भी गंभीर आरोप लग चुके हैं। कांग्रेस सरकार पर बोफोर्स स्कैम, अगस्ता वेस्टलैंड स्कैम, टूजी स्पेक्ट्रम स्कैम और कॉमनवेल्थ स्कैम के आरोप लग चुके हैं। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि स्कैम में जनता के पैसे डूबे हैं। फिर भी लोग सरकार और कारपोरेट को बचाने के लिए आगे आए हैं। बाकायदा हैशटैग चलाया जा रहा है, आईस्टैंड विथ अडानी।
आश्चर्य है कि जो लोग अडानी के पक्ष में खड़े हुए हैं, वे न तो अडानी के कर्मचारी हैं और न ही इंवेस्टर। क्या इस बात की कल्पना भी की जा सकती है कि विजय माल्या के केस में कोई हैशटैग चलाया गया था। क्या किसी ने कभी कांग्रेस सरकार का समर्थन किया था कि उसके घोटालों की जांच नहीं की जानी चाहिए? इसलिए सबसे बड़ा स्कैम लोगों के दिमाग के साथ किया गया है। लोग कह रहे हैं कि अडानी से कोई सवाल मत करो। क्योंकि उन्होंने देश का विकास किया है। लोगों को नौकरियां दी हैं।
नौकरी देने के मामले में कहां खड़े हैं अडानी?
अडानी लाखों करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। इस स्थिति में लग सकता है कि उन्होंने लाखों लोगों को नौकरियां दी होंगी। लेकिन सच कुछ और ही है। अडानी ग्रुप की वेबसाइट के मुताबिक, इस समूह ने मात्र 23 हजार लोगों के लिए जॉब की व्यवस्था की हुई है। जबकि टाटा ग्रुप ने नौ लाख लोगों को हायर कर रखा है। इनफोसिस कंपनी ने तीन लाख से ज्यादा जॉब क्रिएट की है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने दो लाख 36 हजार लोगों को नौकरी दी है। इसी प्रकार विप्रो ने दो लाख 31 हजार लोगों को जॉब दी है।
जॉब देने के मामले में अडानी समूह का नाम टॉप 25 कंपनियों की लिस्ट में भी नहीं आता। सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड की बात करें तो उसने दो लाख 72 हजार लोगों को जॉब दे रखा है। भारतीय रेल में साढ़े 12 लाख कर्मचारी हैं। अमल ने तो 36 लाख किसानों को रोजगार उपलब्ध करा रखा है। कृषि क्षेत्र में कुल 15 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है।
टैक्स देने के मामले में भी फिसड्डी हैं अडानी
Adani Group: सरकार को टैक्स देने वाली टॉप टेन कंपनियों की बात करें तो शीर्ष पर है रिलायंस इंडस्ट्रीज जो 16 करोड़ रुपये से ज्यादा टैक्स देती है। स्टेट बैंक आफ इंडिया यानी एसबीआई 13 करोड़ रुपये से ज्यादा टैक्स देती है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज भी 13 करोड़ रुपये से ज्यादा टैक्स देती है। एचडीएफसी का टैक्स एमाउंट 12 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
इसी प्रकार वेदांता नौ करोड़ रुपये से ज्यादा टैक्स देती है। जेएसडब्ल्यू स्टील आठ करोड़ रुपये से ज्यादा टैक्स देती है। इंडियन आयल कारपोरेशन, आईसीआईसीआई बैंक और एलआईसी की ओर से भी सरकार को आठ करोड़ रुपये से ज्यादा का टैक्स मिलता है। इस सूची में अडानी का कहीं भी नाम नहीं है। कुल मिला कर अडानी का देश के लोगों की भलाई में कोई भी योगदान नहीं है। ऐसे में उनका एकतरफा समर्थन बड़ा संदेह पैदा करता है।