Sharad Pawar: शरद पवार गुरुवार को पुणे जिले के चिंचवड विधानसभा क्षेत्र में अपनी पार्टी के उम्मीदवार राहुल कलाटे के लिए प्रचार करने पहुंचे। कलाटे 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र चुनावों में बीजेपी के शंकर जगताप के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र गलत हाथों में चला गया है।
Sharad Pawar: सहयोगियों को बीजेपी ने दिया था ऑफर
इंफोपोस्ट डेस्क
Sharad Pawar: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने तीन साल पहले गौतम अडानी के घर हुई बैठक को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि कैसे उनके कुछ सहयोगी बीजेपी में शामिल हो गए थे। उन्होंने दावा किया है कि उनके कुछ सहयोगियों को आश्वासन दिया गया था कि उनके खिलाफ चल रहे केंद्रीय एजेंसियों के मामले वापस ले लिए जाएंगे।
एक न्यूज पोर्टल को दिए इंटरव्यू में पवार ने बताया कि उनके सहयोगियों ने उन पर बीजेपी नेताओं से मिलकर यह ऑफर खुद सुनने का दबाव डाला था। इसके बाद ही पवार अमित शाह से मिलने गौतम अडानी के घर डिनर पर गए थे।
पवार ने बताया कि उनके कई सहयोगियों पर केंद्रीय एजेंसियों के केस चल रहे थे। इन सहयोगियों ने बताया कि उन्हें बीजेपी में शामिल होने पर केस वापस लेने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन पवार ने खुद इस पर यकीन नहीं जताया था। उनके सहयोगियों ने उनसे कहा कि घोड़े का मुंह देख कर ही दांत गिने जाते हैं। यही वजह थी कि पवार अमित शाह से मिलने अडानी के घर डिनर पर गए थे।
गौतम अडानी के घर हुई थी बैठक
शरद पवार ने बताया कि 2019 में बीजेपी के साथ हुई राजनैतिक बातचीत उद्योगपति गौतम अडानी के घर पर हुई थी। इस बैठक में मैं, अमित शाह, अजित पवार और गौतम अडानी मौजूद थे।
शरद पवार ने यह भी स्पष्ट किया कि अडानी ने सिर्फ डिनर होस्ट किया था। वह राजनैतिक चर्चा में शामिल नहीं थे। यह खुलासा उस समय हुआ जब अजित पवार ने दो दिन पहले दावा किया था कि 2019 में बीजेपी और अविभाजित एनसीपी के बीच बातचीत में गौतम अडानी भी शामिल थे।
अजित पवार का दावा और बीजेपी का आफर
अजित पवार ने कहा था कि यह बैठक दिल्ली में अडानी के घर पर हुई थी। बैठक में अमित शाह, गौतम अडानी, प्रफुल्ल पटेल, देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और शरद पवार मौजूद थे। इसके बाद शरद पवार ने ‘द न्यूज़ मिनट-न्यूज़लॉन्ड्री’ को दिए इंटरव्यू में कहा कि 2019 में महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर बीजेपी के साथ हुई बातचीत के दौरान वह खुद अडानी के घर पर डिनर में शामिल हुए थे।
पवार ने बताया कि उनके सहयोगियों से कहा गया कि अगर वे बीजेपी के साथ हाथ मिलाते हैं तो उनके मामले वापस हो जाएंगे। उन्होंने इस बात का विरोध किया क्योंकि उन्हें विश्वास नहीं था कि बीजेपी अपना वादा निभाएगी। इससे पहले अजित पवार ने कहा था कि पांच साल हो गए हैं, सबको पता है कि बैठक कहां हुई थी। यह दिल्ली में एक व्यापारी के घर पर हुई थी, यह सभी जानते हैं।
उन्होंने कहा था कि इसका दोष मुझ पर आ गया और मैंने इसे स्वीकार कर लिया। मैंने दोष लिया और दूसरों को सुरक्षित कर दिया। जब उनसे पूछा गया कि शरद पवार बाद में क्यों हिचकिचाए और बीजेपी के साथ नहीं गए, तो अजित पवार ने कहा था कि उन्हें नहीं पता। पवार साहेब एक ऐसे नेता हैं जिनके मन को दुनिया में कोई नहीं पढ़ सकता।