Death of Usman: श्रीनगर में सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर उस्मान को मार गिराया। खानयार इलाके में हुए इस ऑपरेशन में उस्मान के पास एके-47 और हथगोले थे। इस मुठभेड़ में चार सुरक्षाकर्मी घायल हुए। ऑपरेशन के बाद श्रीनगर के ‘संडे मार्केट’ में ग्रेनेड हमला हुआ जिसमें 11 लोग घायल हुए।
Death of Usman: लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर की मौत का राज
इंफोपोस्ट डेस्क
Death of Usman: सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में उस्मान मारा गया। यह मुठभेड़ शहर में दो साल से ज्यादा समय बाद हुई थी। स्थानीय पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने मिलकर यह अभियान चलाया था। घटनास्थल पर मौजूद आवारा कुत्ते सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती थे, क्योंकि उनके भौंकने से आतंकवादी सतर्क हो सकता था।
इस समस्या से निपटने के लिए खोजी दलों को बिस्कुट दिए गए थे ताकि वे कुत्तों को शांत कर सकें। यह ऑपरेशन सुरक्षा बलों की सतर्कता और बहादुरी को दर्शाता है। आवारा कुत्तों को शांत करने के लिए बिस्कुट का इस्तेमाल यह दिखाता है कि सुरक्षा बल हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार थे। ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी सफलता है।
‘संडे मार्केट’ में ग्रेनेड से हमला
मुठभेड़ सुबह की नमाज से पहले ही शुरू हो गई थी जब सुरक्षा बलों ने 30 घरों को घेर लिया था। उस्मान ने सुरक्षा बलों पर पिस्तौल और हथगोले से हमला किया। घंटों चली मुठभेड़ के बाद उस्मान मारा गया।
चार सुरक्षाकर्मी घायल भी हुए हैं लेकिन उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। इस घटना के कुछ घंटे बाद ही श्रीनगर के ‘संडे मार्केट’ में एक ग्रेनेड हमला हुआ जिसमें 11 लोग घायल हो गए।
सीएम ने हमले को ‘बेहद परेशान करने वाला’ बताया
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस हमले को ‘बेहद परेशान करने वाला’ बताया है। उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों से घाटी के कुछ हिस्सों में हमलों और मुठभेड़ों की खबरें आ रही हैं।
श्रीनगर में ‘संडे मार्केट’ में निर्दोष दुकानदारों पर ग्रेनेड हमले की खबर बहुत परेशान करने वाली है। बेगुनाह नागरिकों को निशाना बनाने का कोई औचित्य नहीं हो सकता। सुरक्षा तंत्र को जल्द से जल्द इस तरह के हमलों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए ताकि लोग बिना किसी डर के अपनी जिंदगी जी सकें।’
उस्मान 2016-17 में आया था कश्मीर
अधिकारियों ने कहा कि उस्मान कश्मीर घाटी के इलाके से अच्छी तरह परिचित था और साल 2000 के दशक की शुरुआत में प्रारंभिक गतिविधियों के बाद से कई आतंकवादी हमलों को अंजाम देने में एक आतंकी था।
पाकिस्तान में कुछ समय बिताने के बाद साल 2016-17 में घुसपैठ कर कश्मीर आ गया था और पुलिस इंस्पेक्टर मसरूर वानी की गोली मारकर हत्या करने के मामले में शामिल था।